बिहार एम्पोरियम का उद्घाटन: राज्य की कला और संस्कृति को मिलेगा वैश्विक मंच
बिहार एम्पोरियम का उद्घाटन: राज्य की कला और संस्कृति को मिलेगा वैश्विक मंच
बिहार की समृद्ध कला और संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना के प्रस्थान टर्मिनल पर बिहार एम्पोरियम का भव्य उद्घाटन किया गया. इस विशेष अवसर पर बिहार सरकार के माननीय उद्योग मंत्री, श्री नीतीश मिश्रा जी ने एम्पोरियम का शुभारंभ किया। समारोह में अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह और सचिव श्री बी. कार्तिकेय धनजी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.
बिहार एम्पोरियम राज्य के पारंपरिक और हस्तशिल्प कलाओं को आम जनता और देश-विदेश के पर्यटकों के सामने प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा. यहां मधुबनी पेंटिंग, सिक्की शिल्प, मंजूषा कला, सिरेमिक शिल्प, टिकुली पेंटिंग, पत्थर और लकड़ी की नक्काशी सहित राज्य के अन्य हस्तशिल्प उपलब्ध रहेंगे.यह एम्पोरियम केवल एक प्रदर्शनी स्थल नहीं है, बल्कि यह कला प्रेमियों और शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पाद सीधे ग्राहकों के सामने लाने का अवसर भी प्रदान करेगा. बिहार सरकार ने इस पहल को राज्य के शिल्पकारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के एक अहम कदम के रूप में देखा है..एम्पोरियम का उद्देश्य परंपरागत शिल्प और आधुनिक बाजार के बीच पुल का निर्माण करना है, ताकि शिल्पकार अपनी कला को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर ले जा सकें। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत को भी व्यापक पहचान मिलेगी. इस एम्पोरियम के माध्यम से राज्य की हस्तशिल्प कलाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास को और बल मिलेगा. यहां आने वाले पर्यटक और यात्रियों को बिहार की कला, संस्कृति और परंपरा का जीवंत अनुभव मिलेगा. विशेष रूप से हवाई अड्डा स्थित होने के कारण यह एम्पोरियम देश-विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए बिहार की सांस्कृतिक पहचान का पहला परिचय बनेगा.
बिहार सरकार ने इस पहल के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य की कला और संस्कृति को केवल संरक्षण नहीं दिया जाएगा,बल्कि इसे व्यावसायिक रूप से भी सशक्त बनाया जाएगा.इस प्रकार के प्रयास शिल्पकारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और उनकी कला को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने में मददगार साबित होंगे.सारांश में, बिहार एम्पोरियम राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ आर्थिक रूप से शिल्पकारों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल बिहार की पहचान को मजबूती देगा, बल्कि आने वाले वर्षों में इसे एक प्रमुख सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है.